Baba Dham Raigarh Chhattisgarh: kosamnara, रायगढ़ से 6 किलोमीटर कि दूरी पर तपस्वी बाबा, बाबा धाम, raigarh baba dham ki Story आज के इस पोस्ट मे जनेगे।
Baba Dham Raigarh Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ के Baba Dham Raigarh Chhattisgarh के बारे में आज आपको इस पोस्ट में जानकारी दूंगा जिसमें सत्यनारायण बाबा धाम कहां पर है? कोसमनारा कहां पर है? रायगढ़ बाबा धाम कहां पर है? बाबा कितने वर्षों से तपस्या में बैठे हैं? रायगढ़ से बाबा धाम की दूरी? बाबा कब से इस जगह पर बैठे हैं? इन प्रश्नों के जवाब आपको इस पोस्ट में मिल जाएंगे।
Baba Dham Raigarh Chhattisgarh ki kahani– अगर धूप हो, ठंडी हो चाहे बारिश इन मौसम में एक ही जगह बैठेने के लिए बोले तो आपको कैसे लगेगा। आप तो 1/2 घंटे से ज्यादा देर तक नहीं टिक पाएंगे लेकिन आज के Post में ऐसे ही कहानी के बारे में बताने वाला हूं जो छत्तीसगढ़ के रायगढ़ विकासखंड के बारे में है।
यह कहानी नहीं बल्कि सच है भारत के छत्तीसगढ़ राज्य के जिला रायगढ़ की घटना है। 16 फरवरी 1998 से एक ही जगह पर तपस्या में बैठे बाबा सत्यनारायण जी जो आज इनको छत्तीसगढ़ के साथ-साथ देश- दुनिया में भी जाने जाते हैं। सत्यनारायण बाबा, गर्मी हो चाहे सर्दी हो या बारिश सभी मौसम में एक ही जगह तपस्या में बैठे होते हैं।
Baba Dham Raigarh Chhattisgarh India
baba dham kahan hai– रायगढ़ मुख्यालय से 7 किलोमीटर की दूरी पर कोसमनारा स्थित है। कोसमनारा से 19 किलोमीटर की दूरी पर एक गांव देवरी, डूमरपाली है यहां एक किसान परिवार जिनका नाम दयानिधि साहू और उनके माता का नाम और हंसमती साहू के परिवार में 12 जुलाई 1984 को सत्यनारायण बाबा के रूप में जाना गया।
आज से 24 वर्ष पहले की बात है। डूमरपाली के गाँव में तालाब के बगल में स्थित एक मंदिर शिव भगवान की है जहां लगातार 7 दिन तक तपस्या में बैठे रहे। उनके मां-बाप एवं गांव के लोगों द्वारा समझाइश के कारण घर वापस लौटे थे मगर उनके अंदर शिव भगवान विराजमान हो चुके थे।
Baba Dham Raigarh Chhattisgarh कोसमनारा
छोटी सी उम्र में लगभग 14 साल की उम्र में एक दिन वह स्कूल जाने के लिए सफेद शर्ट औरत खाकी पेंट तैयार होकर अपने साथ बस्ता लेकर निकले थे मगर वह स्कूल ना जाकर रायगढ़ की तरफ आ गए। पैदल-पैदल वे अपने गांव से 19 किलोमीटर कोसमनारा गाँव के पास बंजर भूमि में पत्थरों को इकट्ठा करके इनको शिव भगवान मानकर अपने जीभ को काटकर इन पत्थरों के ऊपर समर्पित कर दिए।
कुछ दिन तो किसी को कोई खबर नहीं हुआ लेकिन जब खबर हुआ तो पूरे रायगढ़ जिले में आग तरफ फैल गया। उस दिन से लेकर आज तक बाबा अपने स्थान पर तो बैठे हुए हैं। धीरे-धीरे धार्मिक स्थल के रूप में विकसित हो चुका है। इसके अलावा यहाँ कई लोगों दुकान खोल कर रोटी रोटी के रूप में जीवन यापन कर रहे है।
Baba Dham Raigarh Chhattisgarh
24 वर्षों से एक ही स्थान पर बैठकर तपस्या में लीन है। बाबाजी दैनिक क्रियाओं को छोड़कर अपने चबूतरे पर आंखें बंद करके तपस्या में बैठे हुए देखने को मिलेंगे। Baba Dham Raigarh स्थान धीरे-धीरे धार्मिक स्थल के रूप में विकसित हो चुका है यहां लाखों श्रद्धालु सावन सोमवार और महाशिवरात्रि के समय आते हैं। महाशिवरात्रि के समय यहां भंडारा की व्यवस्था होती है जो भक्त यहां आते हैं उनको महाप्रसाद के रूप में दिया जाताहै।
वर्तमान में इस जगह पर सुंदर मंदिरों का निर्माण कराया गया है तथा गार्डन भी विकसित किया गया है। इस जगह पर कई लोग रोजगार के रूप में छोटी-छोटी दुकान है चला रहे हैं जहां आपको फैंसी सामान से लेकर भगवान की छोटी-छोटी मूर्तियां मिलेंगे।
लोगों द्वारा बताया जाता है कि जो भी श्रद्धालु Baba Dham Raigarh के दरबार में पहुंचते हैं उनकी मनोकामना जरूर पूरी होती है। रायगढ़ से उड़ीसा नजदीक होने के कारण यहां उड़ीसा से कई लोग श्री सत्यनारायण बाबा जी के दर्शन करने आते हैं।
Baba Dham Raigarh Chhattisgarh सत्यनारायण बाबा के 5 अद्भुत बातें –
- अखंड धूनी – सतनारायण बाबा धाम में एक ऐसा हवन कुंड है जो पिछले 24 वर्षों से निरंतर जल रहा है। जो चमत्कार का प्रतिक है आप यकीन नहीं करते तो एक बार यहां जरूर जाये।
- बिना छत की तपस्या- बाबा सत्यनारायण पिछले 24 वर्षों से बिना छत के तपस्या कर रहे हैं चाहे गर्मी हो चाहे बारिश या कड़ाके की ठंड में खुले आसमान के नीचे तपस्या कर रहे हैं जो कि अद्भुत है।
- जीभ अर्पण किया – 14 साल की उम्र स्कूल के लिए निकले और रायगढ़ से 6 किलोमीटर की दूरी तथा अपने गांव से 19 किलोमीटर की दूरी पर कोसमनारा गांव के पास लेकर बंजर जमीन पर कुछ लोग पत्थर इकट्ठे करके उसको शिव का रूप दिया तथा इन पत्थरों के ऊपर अपना जीभ काटकर अर्पण कर दिया।
- फल, जल और दूध – सतनारायण बाबा जब से बैठे हैं आज तक भोजन (चावल) ग्रहण नहीं किए हैं। उनके द्वारा केवल फल, जल और दूध का सेवन किया जाता है।
- आईपैड का USE – आपके दरबार में आए हुए सभी भक्तों का वीडियो उनकी ऑफिशियल वेबसाइट या Youtube चैनल पर अपलोड किया जाता है। इस वीडियो को बाबा जी आई पैड द्वारा देखे जाते हैं।
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